तुम उसे सताते हो
कोई उसे मनाता है ।।
तुम उसे रुलाते हो
कोई उसे हँसता।।
तुम्हे उसे जलना अच्छा लगता है
किसी को उसे हँसना अच्छा लगता।
तुम्हे उसकी मोह्ह्बत की कद्र नहीं
किसी को उसे रोते हुए देखने का सब्र नहीं।
वक़्त बे वक़्त वो तुम्हारे लिए रोती है
तुम्हे हँसता देखने की दुआ करती है
और तुम्हे उसकी फ़िक्र नहीं
एक दिन छीन जायगी तुमसे तुहारी मोह्ह्बत
तब न कहना मेरे दोस्त
वो बेवफा थी
वो दगेबाज़ थी
वो तुम्ही थे जो उसको हँसा न सके।।
तुम उसके लायक नहीं थे जो तुम उसे अपना न बना सके।।
ढूंढ रहा तुझे मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे में। इंसान ही इंसानियत को बेच रहा खुले बाज़ारो में।। अब लड़कियो की चीख सुनाई देती है तहखानों में। अब छोटी लडकिया परोसी जाती है मयखानों में।। यु सुने राहो में लडकिया अब निकलने से डरती है। जन्म लेने से पहले लड़कियां यु कोख़ में मरती है।। क्या हो गया है मेरे प्यारे भारत को क्या हो गया मेरे उस न्यारे भारत को। न है यहाँ लड़कियो की कद्र किसी को। जमाना बदल गया पर न यहाँ है सब्र किसी को।।
Atyant Maadhur Wa Dil Ko Sparsh Karti Hai
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