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तेरी मुस्कराहट

वो तेरी मुस्कराहट
वो तेरी नज़ाकत
न जाने कहा खो गई।
वक़्त के साथ क्यों तू मुझसे दूर हो गई।
तेरे हँसने का इन्तजार करना
तुझे खुद से ज्यादा बेइंतहा प्यार करना ।।
न होती है अब उन कोनों में कोई गुप्तगु।
लगता हमसे खुदा ने छीन ली हमसे रूह।
न है कही कोने में पड़े किताब।
न बाकि है टूटने के लिए खाव्ब।।
राह में जैसे अनजाने मुसाफिर ने साथ छोड़ दिया।।
क्या गलती हुई ये तो बता दे जो तूने मुझसे मुँह मोड़ लिया।

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बचपन की यादें

घूमते घूमते याद आ गए मुझे बचपन के वो पल। आज की ही मस्ती होती थी,न चिंता थी खुदा जाने क्या होगा कल।। रोते थे तो सर पे होता था माँ का साया । बचपन में सब के लाडले होते थे,भले ही बड़े होने पर पैसो ने बना दिया उनको पराया।। ना  वक़्त की कमी थी;ना थी खाने की चिंता। अगर अच्छे संस्कार ना होते तो अभी इतना सूंदर भविष्य बनता।। सुबह की वो भागा दौड़ी , जब माँ हमें छोड़ आती आंगनबाड़ी। रोते थे वापस आके सोने के लिए मिलती माँ की फूलो से भरी आँचल वाली प्यारी से साड़ी।। याद आते है बचपन की वो पल जब खेला करते थे सबके साथ लुका छिपी। लूडो खेलते अपनी चाल के साथ की वो थोड़ी बईमानी।। बचपन की वो आज़ादी ,वापस अगर आ जाए तो कुर्बान कर दू उसपे सारी ज़िंदगानी।। याद आते है वो तलाब में नहाना । रात को किसी के भी घर पे खाना ।। याद आते है... मौसी की प्यारी सी फटकार। नानी की ढेर सारी दुलार।। मामा की गुस्सों का डर। चाचा को जो होती हमारी फिकर।। याद आ गया बचपन का वो यार । मस्ती से भरा बचपन का पिटारा।। अपनों का सहारा । बचपन की सारी मस्तियाँ। याद आ गया दोस्त के पैर में किया वो वो दर्दनाक

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A New Day

A new day new thoughts new journey new class Sun has rised but still so far Still trying to touch the sun By clambing on tower Everyone is here nd have started there work But m here n trying to touch the sun By clambing on tower I know its silly but everthing is possible May be my path is wrong but my thought is real I know i can do either by tower or by wall