वो तेरी मुस्कराहट
वो तेरी नज़ाकत
न जाने कहा खो गई।
वक़्त के साथ क्यों तू मुझसे दूर हो गई।
तेरे हँसने का इन्तजार करना
तुझे खुद से ज्यादा बेइंतहा प्यार करना ।।
न होती है अब उन कोनों में कोई गुप्तगु।
लगता हमसे खुदा ने छीन ली हमसे रूह।
न है कही कोने में पड़े किताब।
न बाकि है टूटने के लिए खाव्ब।।
राह में जैसे अनजाने मुसाफिर ने साथ छोड़ दिया।।
क्या गलती हुई ये तो बता दे जो तूने मुझसे मुँह मोड़ लिया।
ढूंढ रहा तुझे मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे में। इंसान ही इंसानियत को बेच रहा खुले बाज़ारो में।। अब लड़कियो की चीख सुनाई देती है तहखानों में। अब छोटी लडकिया परोसी जाती है मयखानों में।। यु सुने राहो में लडकिया अब निकलने से डरती है। जन्म लेने से पहले लड़कियां यु कोख़ में मरती है।। क्या हो गया है मेरे प्यारे भारत को क्या हो गया मेरे उस न्यारे भारत को। न है यहाँ लड़कियो की कद्र किसी को। जमाना बदल गया पर न यहाँ है सब्र किसी को।।
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