यहाँ मैनपाठ की वादिया है।
तो जतमई की पहाड़िया है।।
बड़े बड़े भैंसे है।
तो कही फूलो के उद्यान है।।
कभी अनोखे प्रवासी पंछियो का घर है।
तो कही नागलोक में साँपो का बसेरा है।।
यहाँ बस्तर का दसहरा है।
तो वही लाइवलीहुड कॉलज में सुनहरे भविष्य का बसेरा है।।
यहाँ माँ का दरबार है ।
तो कही छत्तीसगढ़ की शान युवाओ के सपनो का सँसार है।।
यहाँ की वादियो में कही नक्सलियों की आहट है।
तो कही दोस्ती की अनोखी मिसाल है।।
यहाँ चक्रधर राजा की अनोखा घराना है।
तो यहाँ अभी युवाओ का जमाना है।।
यहाँ कुदरत की अनुरूप छठा है।
तो काले हिरे से रायगढ़ पटा है।।
यहाँ विवेकानंद जी का ज्ञान है।
तो वही शहीद वीर नारायण सिंह हुए महान है।।
कुछ अच्छे तो कुछ महान
ऐसा है हमारा छत्तीसगढ़ महान।।
ढूंढ रहा तुझे मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे में। इंसान ही इंसानियत को बेच रहा खुले बाज़ारो में।। अब लड़कियो की चीख सुनाई देती है तहखानों में। अब छोटी लडकिया परोसी जाती है मयखानों में।। यु सुने राहो में लडकिया अब निकलने से डरती है। जन्म लेने से पहले लड़कियां यु कोख़ में मरती है।। क्या हो गया है मेरे प्यारे भारत को क्या हो गया मेरे उस न्यारे भारत को। न है यहाँ लड़कियो की कद्र किसी को। जमाना बदल गया पर न यहाँ है सब्र किसी को।।
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