इंजीनियर
इंजीनियर के बिना दुनिया चल नहीं सकती।।
जिस तरह आज की दुनिया मोबाइल के बिना नहीं रह सकती।।।
सब एग्जाम में पढ़ते है।।
पर एक इंजीनियर स्टूडेंट से पूछो नक़ल किसे करते है।।
वफ़ा हो या बेवफ़ाई ।।वफ़ा हो या बेवफ़ाई ।।
इंजीनियर उसमे भी करते है कमाई।।
ये बिना पढ़े देते है एग्जाम।।।
पढ़ के जाए तो हो जायेगा इनका काम तमाम ।।
बड़े बुजुर्गो ने कहा है कोशिश करने वालो की हार नहीं होती।।
पर इन्हें कौन समझाय बैक लगाय बिना इंजीनियरिंग पार नहीं होती इंजीनियरिंग पार नहीं होती।।।
P.c from www.wounderfulengineers.com
दो गज की ज़मीं थी कफ़न था तिरंगा।। आँखों में नमी थी ,छाती था खून से रंगा।। हार जीत की न कोई वजह बाकि थी,न था कोई पंगा।। न बाकि था निपटाने के लिए कोई दंगा।। शहीद का साथ जुड़ा , मिल गया साहस का चमन। लौट के न आया फिर मैं, तो रूठ गया ये वतन।। खून बहा कर लिया जो पाकिसातनियो ने मज़ा।। आत्मा मेरी पूछ रही किस बात की मिली मुझे सजा।। न मैंने किसी का भाई मारा न किसी का बेटा।। फिर भी क्यों रो रहा फफक फफक कर मेरा बेटा।। मुझे कुछ नहीं एक जवाब चाहिए।। इस सोई हुई सरकार से एक हिसाब चाहिए।। कौन लौटायगा मेरे परिवार को बीते हुए कल ।। कौन संवरेगा मेरे परिवार का आने वाला कल।। मुझे कुछ नहीं मुझे इन्साफ चाहिए।। बस मेरी मौत का मुझे इन्साफ चाहिए।।अमित पटेल
Comments
Post a Comment