कलाम
नहीं है ये एक छोटा सा नाम
उनकी याद में रो रहा सारा हिंदुस्तान।।
हर किसी को याद होगा राष्ट्रपति का उनका काल।
अख़बार बेच कर मेहनत कर इंडियन मिसाइल बनाकर किया स्वदेसी मिसाइल का सपना साकार।।
भूलेगा नहीं आपको हिन्दुस्तान।
कभी नहीं भूल पायँगे आपके thought.
चीज़ें जो आपने सिखाया ।
आप ही रहोगे स्टूडेंट के प्यारे।
One salute to kalam
दो गज की ज़मीं थी कफ़न था तिरंगा।। आँखों में नमी थी ,छाती था खून से रंगा।। हार जीत की न कोई वजह बाकि थी,न था कोई पंगा।। न बाकि था निपटाने के लिए कोई दंगा।। शहीद का साथ जुड़ा , मिल गया साहस का चमन। लौट के न आया फिर मैं, तो रूठ गया ये वतन।। खून बहा कर लिया जो पाकिसातनियो ने मज़ा।। आत्मा मेरी पूछ रही किस बात की मिली मुझे सजा।। न मैंने किसी का भाई मारा न किसी का बेटा।। फिर भी क्यों रो रहा फफक फफक कर मेरा बेटा।। मुझे कुछ नहीं एक जवाब चाहिए।। इस सोई हुई सरकार से एक हिसाब चाहिए।। कौन लौटायगा मेरे परिवार को बीते हुए कल ।। कौन संवरेगा मेरे परिवार का आने वाला कल।। मुझे कुछ नहीं मुझे इन्साफ चाहिए।। बस मेरी मौत का मुझे इन्साफ चाहिए।।अमित पटेल
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