मुझे पैदा होना है।
पाप की गोदी में सोना है।।
तेरे बाहो तले रोना है।।
वक़्त के साथ चलना और समय में खोना है।।
जो मिल जाय उसी में खुस रहना है।।
माँ मुझे एक मौका दो।।
मुझे पैदा होना है।।
चाचा की प्यारी रानी बनना है।
दादा दादी से कहानी सुनना है।।
मुझे भी मिटटी के खिलौने से खेलना है।
पापा के लिए कुछ बन के दिखाना है।।
माँ मुझे मेरा अधिकार दो
मुझे भी पैदा होना है।।।
अपने ज़िद पूरा करने के लिए रोना है।
अपने हक़ के लिए मुझे भी लड़ना है।।
माँ लड़की हु तो क्या हुआ मुझे भी पैदा होना है।।
तेरे ये आँशु मुझे तेरा ऊपर हुए जुल्म की कहानि बाता रहे है।
तुमपर हुये अत्याचार की निसानी दिखा रहे है।।
माँ फिर भी पापा से कहो न मुझे भी पैदा होना है।।
इस प्यारी सी दुनिया को देखना है माँ।।
मुझसे मेरा अधिकार मत छिनो,मुझसे मेरा परिवार मत छिनो।।
ए जालिम दुनिया वालो मुझे पैदा होने दो।।।
मुझे पैदा होने दो।।
दो गज की ज़मीं थी कफ़न था तिरंगा।। आँखों में नमी थी ,छाती था खून से रंगा।। हार जीत की न कोई वजह बाकि थी,न था कोई पंगा।। न बाकि था निपटाने के लिए कोई दंगा।। शहीद का साथ जुड़ा , मिल गया साहस का चमन। लौट के न आया फिर मैं, तो रूठ गया ये वतन।। खून बहा कर लिया जो पाकिसातनियो ने मज़ा।। आत्मा मेरी पूछ रही किस बात की मिली मुझे सजा।। न मैंने किसी का भाई मारा न किसी का बेटा।। फिर भी क्यों रो रहा फफक फफक कर मेरा बेटा।। मुझे कुछ नहीं एक जवाब चाहिए।। इस सोई हुई सरकार से एक हिसाब चाहिए।। कौन लौटायगा मेरे परिवार को बीते हुए कल ।। कौन संवरेगा मेरे परिवार का आने वाला कल।। मुझे कुछ नहीं मुझे इन्साफ चाहिए।। बस मेरी मौत का मुझे इन्साफ चाहिए।।अमित पटेल
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