Skip to main content

"मुझे जन्म लेने दो"

मुझे पैदा होना है।
पाप की गोदी में सोना है।।
तेरे बाहो तले रोना है।।
वक़्त के साथ चलना और समय में खोना है।।
जो मिल जाय उसी में खुस रहना है।।
माँ मुझे एक मौका दो।।
मुझे पैदा होना है।।
चाचा की प्यारी रानी बनना है।
दादा दादी से कहानी सुनना है।।
मुझे भी मिटटी के खिलौने से खेलना है।
पापा के लिए कुछ बन के दिखाना है।।
माँ मुझे मेरा अधिकार दो
मुझे भी पैदा होना है।।।
अपने ज़िद पूरा करने के लिए रोना है।
अपने हक़ के लिए मुझे भी लड़ना है।।
माँ लड़की हु तो क्या हुआ मुझे भी पैदा होना है।।
तेरे ये आँशु मुझे तेरा ऊपर हुए जुल्म की कहानि बाता रहे है।
तुमपर हुये अत्याचार की निसानी दिखा रहे है।।
माँ फिर भी पापा से कहो न मुझे भी पैदा होना है।।
इस प्यारी सी दुनिया को देखना है माँ।।
मुझसे मेरा अधिकार मत छिनो,मुझसे मेरा परिवार मत छिनो।।
ए जालिम दुनिया वालो मुझे पैदा होने दो।।।
मुझे पैदा होने दो।।

Comments

Popular posts from this blog

इंसानियत तू कहा गया

ढूंढ रहा तुझे मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे में। इंसान ही इंसानियत को बेच रहा खुले बाज़ारो में।। अब लड़कियो की चीख सुनाई देती है तहखानों में। अब छोटी लडकिया परोसी जाती है मयखानों में।। यु सुने राहो में लडकिया अब निकलने से डरती है। जन्म लेने से पहले लड़कियां यु कोख़ में मरती है।। क्या हो गया है मेरे प्यारे भारत को क्या हो गया मेरे उस न्यारे भारत को। न है यहाँ लड़कियो की कद्र किसी को। जमाना बदल गया पर न यहाँ है सब्र किसी को।।

बचपन की यादें

घूमते घूमते याद आ गए मुझे बचपन के वो पल। आज की ही मस्ती होती थी,न चिंता थी खुदा जाने क्या होगा कल।। रोते थे तो सर पे होता था माँ का साया । बचपन में सब के लाडले होते थे,भले ही बड़े होने पर पैसो ने बना दिया उनको पराया।। ना  वक़्त की कमी थी;ना थी खाने की चिंता। अगर अच्छे संस्कार ना होते तो अभी इतना सूंदर भविष्य बनता।। सुबह की वो भागा दौड़ी , जब माँ हमें छोड़ आती आंगनबाड़ी। रोते थे वापस आके सोने के लिए मिलती माँ की फूलो से भरी आँचल वाली प्यारी से साड़ी।। याद आते है बचपन की वो पल जब खेला करते थे सबके साथ लुका छिपी। लूडो खेलते अपनी चाल के साथ की वो थोड़ी बईमानी।। बचपन की वो आज़ादी ,वापस अगर आ जाए तो कुर्बान कर दू उसपे सारी ज़िंदगानी।। याद आते है वो तलाब में नहाना । रात को किसी के भी घर पे खाना ।। याद आते है... मौसी की प्यारी सी फटकार। नानी की ढेर सारी दुलार।। मामा की गुस्सों का डर। चाचा को जो होती हमारी फिकर।। याद आ गया बचपन का वो यार । मस्ती से भरा बचपन का पिटारा।। अपनों का सहारा । बचपन की सारी मस्तियाँ। याद आ गया दोस्त के पैर में किया वो वो दर्दनाक

A salute to indian police

हर दुःख सुख में हम रहते लोगो के साथ.. वो चैन की नींद सोये इसलिए हम न सोते है।। हर दिन अपनी ड्यूटी करते अपने देश के रक्षा के लिए हम ही घर मे दुश्मन के हाथो मरते। तुम होली मानते दीवाली के दिए जलाते प्यार के गीत गाते।। तुम्हारी ख़ुशी के लिए घर से बाहर बिताते हम दीवाली की राते।। जब हम में से कोई शहीद होता है । मेरे परिवार के साथ हर कोई रोता है।। देखो न हमें यु डर भरी निग़ाहों से । हम तुम्हारे रक्षक है हर वक़्त तुम्हे महफूज़ रखेंगे तुम्हे कातिलो की यातनाओ से।। नया साल में जब तुम अपने परिवार के साथ ख़ुशी मानते हो।। तुम्हारी ख़ुशी के लिए हम रात भर तलासी पर जाते है।। बस यही आशा है तुम भाई बहन और परिवार के साथ हमारा साथ देंगे । तभी तो मिल के हम क्राइम फ्री भारत बनायँगे।। तुम्हारे सपोर्ट की तलाश में अपना पुलिस परिवार।। जय हिन्द