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ये मेरे सनम





न कर खता ये मेरे सनम ,
तेरी आँखों में मैं खोया रहा।।
जब जब तुझको मानना चाहा।
मुझे याद वो सारे पल वो आये।।
कहके अपना मुझे तूने सनम ,
बड़े अरमानो से मेरा दिल जो तोडा।।
जैसे टूटे कांच के ताजमहल,
वैसे मेरे सपने बिखर से गए।।
थक हार के मैंने सब छोड़ दिया,
फिर भी तेरे याद को न पाया।।
जीने की वजह और मारने का गम ,
मुझे चाह की भी न तोड़ पाया।।
आज भी यु रोटा हु,मैं सनम
जब जब तेरी याद मुझे आती है।।
क्या कहु तुझे ये मेरे सनम ,
यादो के ख्वाब में खोया हु।
आ लौट के इ मेरे सनम
तेरी यादो में खो सा गया।।
खो सा गया
खो सा गया।।
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वतन

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