माना की मैं पागल था ।
हा तेरे प्यार में पागल था।।
गलती थी मेरी इतनी की तेरी हर एक अदा का कायल था।।
न सोचा था मुझे मिले तुमसे ज़िन्दगी भर का साथ।
ना सोचा था की मेरे हाथो में हो तेरा हाथ।
गलती तो बस इतनी हुई की बिना इज़ाज़त प्यार कर बैठा.।
तेरी याद में सुबह शाम गुलजार कर बैठा।।
खुदा न करे तेरे पे कोई आँच आए
तेरे को छुने से पहले मौत मेरे में शमा जाए।
माना दुबारा हमारी मुलाकात होगी।
मेरे न सही किसी और क साथ ज़िन्दगी भर
तू साथ होगी।।
ढूंढ रहा तुझे मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे में। इंसान ही इंसानियत को बेच रहा खुले बाज़ारो में।। अब लड़कियो की चीख सुनाई देती है तहखानों में। अब छोटी लडकिया परोसी जाती है मयखानों में।। यु सुने राहो में लडकिया अब निकलने से डरती है। जन्म लेने से पहले लड़कियां यु कोख़ में मरती है।। क्या हो गया है मेरे प्यारे भारत को क्या हो गया मेरे उस न्यारे भारत को। न है यहाँ लड़कियो की कद्र किसी को। जमाना बदल गया पर न यहाँ है सब्र किसी को।।
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