भारत भूमि की शान है गंगा।। हिमालय की संतान है गंगा।। हरिद्वार की जान है गंगा। हिन्दुस्तान के खेतो के लिए वरदान है गंगा।। मोक्ष का द्वार है गंगा, जलजीवो का संसार है गंगा।। मैली होती नदियों का एक उदहारण है गंगा।। फिर भी अपने पानी से अपने बेटो का दुःख हरण करती है गंगा।। यु तो सबकी माँ है गंगा ,पर उद्योगों के गंदे पानी के लिए निकास द्वार है गंगा।। तू भारत की माँ है गंगा।। जहा जहाँ गई सबको रंग गई तू गंगा।। आगे गंगा की जुबानी। तुम मुझे माँ कहते हो । फिर मुझ पर हुये अत्याचार क्यों सहते हो।। मुझमें में कचरा डालो मुझमे तुम हर गन्दा सामान डालो।। पर एक उपकार तू कर दे मेरे अंदर रहने वाले जीवो को एक नया घर संसार दे दे।। एक नया परिवार तू दे दे।। नहीं दे पायेगा ये मुझे पता फिर क्यों मुझे यु दुषित करे ।। माँ का अपने बेटो के लिए प्यार तुझे ये सन्देश सूचित करे। धन्य है वो मेरा बेटा जो मेरे लिए हर रोज इंसानो से लडे खुद के खाने के एक हिस्से से मेरे अंदर रहने वालो का भी पेट भरे ।। हर वक़्त मुझे तेरी चिंता है तभी तो मैं कल कल कर बहु। माँ हूँ मै तो अपने बेटे को